जब हमारे हृदय में ईश्वर का वास हो जाता है तो हमारा मन स्थिर हो जाता है -सद्गुरु माता सुदीक्षा जी
नवी मुंबई, २८ जनवरी, २०१९: जब हमारे हृदय में प्रभु का वास हो जाता है तो हमारा मन स्थिर हो जाता है एवं हर परिस्थिती में हमें एकरस रहने में मदद मिलती है | इस प्रकार से हमारे सारे भ्रम भी निकल जाते हैं और सत्य के मार्ग पर दृढता से चलने में सहायता मिलती है |
उपरोक्त उद्गार निरंकारी सद्गुरु माता सुदीक्षा जी ने २७ जनवरी, २०१९ की शाम महाराष्ट्र के ३-दिवसीय वार्षिक निरंकारी सन्त समागम के समापन सत्र में व्यक्त किया | यह समागम नवी मुंबई के खारघर के सिडको मैदानों में आयोजित किया गया था | उन्होंने कहा कि समागम के दौरान एक बहुभाषी कवि दरबार का भी आयोजन किया गया जो मिशन की पूर्व प्रमुख सद्गुरु माता सविंदर हरदेव जी की शिक्षाओं पर आधारित था |
सद्गुरु माता जी ने कहा कि हमने “माँ सविंदर – एक रोशन सफर” नाम की डाक्युमेंटरी भी देखी जो सद्गुरु माता सविंदर जी के जीवनी पर आधारित थी | यद्यपि उनके ऊपर पारिवारिक जिम्मेदारियां भी थी परन्तु फिर भी उन्होंने हमेशा मिशन के प्रति सेवाओं को वरियता दी | यद्यपि वे सद्गुरु बाबा हरदेव सिंह जी महाराज की धर्म पत्नी थी परन्तु फिर भी उन्होंने उन्हें एक गुरु के रुप में ही देखा और हमेशा आध्यात्मिक रुप से उनके कदम से कदम मिला कर चलते रहे | उन्होंने हमें भी यही शिक्षा दी कि हम बाबा जी को सद्गुरु पहले एवं पिता बाद में मानें |
सद्गुरु माता जी ने अपने श्रद्धालुओं से कहा कि अपने जीवन के हर कर्म में प्रभु को शामिल करें | जब हम ब्रह्मज्ञान का आधार लेकर कर्म करते हैं तो हमसे गलतियाँ होने की सम्भावनायें कम हो जाती है | हमें मानवीय गुणों से भरपूर जीवन जीना चाहिए और जब हम सद्गुरु के सामने होते हैं तब हमें अच्छे से अच्छे व्यवहार का अभ्यास करना चाहिए ताकि वह हमारी आदत बन जाए |
सद्गुरु माता जी ने आह्वान किया कि जो लोग इस ब्रह्मज्ञान से अभी तक वंचित हैं वे ब्रह्मज्ञान की दात प्राप्त कर लें | ताकि उनका समागम आना सफल हो जाये |
उन्होंने कायरोप्रॅक्टिक डाक्टरों की टीम का धन्यवाद किया जो अलग अलग देशों से सफर करते हुए यहां जरुरतमंदों की सेवा के लिए पधारे हैं |
इससे पहले मेंबर इंचार्ज (ब्रांचेस), महाराष्ट्र एवं दक्षिणी राज्यों बहन मोहिनी आहुजा जी ने सद्गुरु माता जी को समागम की सफलता के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया | उन्होंने अपने अनथक सेवाओं एवं उत्साह के लिए श्रद्धालुओं एवं समस्त स्थानीय प्रशासनिक निकायों का धन्यवाद किया जिनके सहयोग के बगैर यह सुंदर नज़ारा सम्भव न होता |
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