उल्हासनगर में चोर फिर मचा रहा है शोर ; फाईल चोर प्रदिप रामचंदानी मामला फिर एक बार सुर्खियों में
उल्हासनगर (महाराष्ट्र विकास मिडिया)- वो कहते है ना चोर मचाए शोर यह कहावत उल्हासनगर शहर में इन दिनों घट रहे एक एक हलचल को देख बडी याद आती है। भाजपा स्विकृत नगरसेवक एवं फाईल चोर के नाम से मशहुर प्रदिप रामचंदानी ने अपने बजाव में हालही में एक पत्रकार को विशेष मुलाकात दी है।
बता दें कि हालही में उल्हासनगर महापालिका के एक कैबिन से सरकारी फाईल चुराकर उसे अपने घर ले जाने के मामले में भाजपा स्विकृत नगरसेवक पर पुलिस थाने में चोरी का मामला दर्ज हुआ था। जिसमें उन्हे पहले पुलिस थाने का लॉक अप और बादमें कल्याण का आधारवाडी जेल में कुछ दिन गुजारने पडे। वकिलों के कटे प्रसार व दलिलों के बाद प्रदिप रामचंदानी की न्यायाधिश ने जमानत मंजुर की। सरकारी दफ्तर से फाईल चुराना कोई छोटी बात नहीं है यह बात शायद अब भी उल्हासनगर के भाजपाईयों को समझ नहीं आ रही है इसलिए प्रदिप रामचंदानी के फाईल चोरी के मामले को रफादफा कर उनकी अच्छी इमेज बनाने में भाजपाई जुडे है।
ऐसे में इस फाईल चोर स्विकृत नगरसेवक के खिलाफ उल्हासनगर के पूर्व नगरसेवक एवं समाजसेवक दिलीप मालवणकर पिछले कई महिनों से प्रशासन के पास शिकायत दाखिल कर उल्हासनगर की जनता को न्याय देने की मांग कर रहे है। बता दें कि, अब तक प्रदिप रामचंदानी इस फाईल चोर अपराधी के खिलाफ कठोर कारवाई होने के लिए समाजसेवक दिलीप मालकणकर ने काफी कोशिशें, आंदोलन किये लेकिन उल्हासनगर शहर के भाजपा ने कुछ इस तरह अपनी राजनैतिक शक्ती का प्रयोग कर स्थानिय प्रशासन से लेकर उपर मंत्रालय तक मामले को दबाने की कोशिश चल रही है, जिसकी वजह से अब तक फाईल चोर नगरसेवक को मनोनित नगरसेवक के पद से निलंबन नही किया गया। खास बात तो यह है कि, फाईल चोरी का मामला दाखिल होकर जब पुलिस ने प्रदिप रामचंदानी को जेल की सलाखों के पिछे भेजा तब भी उल्हासनगर भाजपा पार्टी ने उन्हे अपने पार्टी से नहीं निकाला। यह सब देख क्या सचमें यह वही भारतीय जनता पार्टी है जो पारदर्शकता का डंका लगाती थी ऐसा उल्हासनगर की आम जनता का कहना है।
एक फाईल चोर नगरसेवक को बचाने के लिए जब भारतीय जनता पार्टी की पुरी उल्हासनगर की भाजपाई टीम जुट जाती है तब प्रदिप रामचंदानी के इस फाईल चोरी में कहीं उन भाजपाईयों का भी हात काले तो नहीं है ऐसा भी अनुमान लगाया जा रहा है। बात साफ है उल्हासनगर महापालिका के सी.सी.टी.व्ही. में स्पष्ट रुप से प्रदिप रामचंदानी द्वारा फाईल चुराने की व्हिडीओ देखने के बाद भी जब मामले को खोखला कर भाजपा के उल्हासनगर पदाधिकारी कहते है कि, प्रदिप रामचंदानी ने कोई भी फाईल चुराई नहीं थी। आखिर इतनी कसरत रामचंदानी को बचाने के लिए क्यों हो रही है? यह सोचने वाली बात है।
प्रदिप रामचंदानी उल्हासनगर महापालिका में स्विकृत नगरसेवक के तौर पर होने के बावजुद सुत्रों के अनुसार उनका ठेकेदारी का व्यवसाय है। उस दिन चुराई गई फाईल में उनके बेटे के ठेके के टेंडर वर्कऑर्डर एवं अन्य सरकारी कागजात उस फाईल में मौजुद थे। ऐसी फाईल को अपने कमिज के अंदर छुपाकर चोरों की तरह वहां से भागने वाले रामचंदानी आज कहते है कि उन्होंने उस दिन कोई फाईल चुराई ही नहीं वह उनकी खुद की फाईल थी लेकिन पुलिस पंचनामा और पुलिस द्वारा कब्जे में लिये गये सामग्री में तो फाईल सरकारी होने की बात बताई है। यहां तक की कानूनी हिरासत में रहते वक्त प्रदिप रामचंदानी ने अपना गुनाह भी कबुल किया था ऐसा एफ.आय.आर., जबाब पत्र एवं मामले के सभी कागजातों को देख कर पता चलता है।
फाईल चोर प्रदिप रामचंदानी ने अपने मुलाकात में कहा कि, कई ऐसे लोग है जो सालों से यहां पर काम कर रहे है राज कर रहे है ऐसे लोगों के हितों को मैने चोट पहुंचाई है और आगे भी पहुंचाता रहुंगा ऐसा उन्होंने कहा। इसपर उल्हासनगर के आम नागरिकों ने महाराष्ट्र विकास मिडिया प्रतिनिधी को प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, उल्हासनगर शहर में जो आदमी बोगस ठेकेदार के नाम से कुख्यात है ऐसे आदमी द्वारा शहर में राज करनेवाले और काम करनेवालों को चोट पहुंचा पाना असंभव है। प्रदिप रामचंदानी जनता के सामने भले ही एक नगरसेवक राजनैतिक दल के सदस्य और पॉलिटिशियन है लेकिन उनका धंदा ठेकेदारी का है। और यह इतिहास है कि ठेकेदारों ने कभी शहर में राज करनेवालों से कभी पंगे नहीं लिए है चोट नहीं पहुंचाया है बस की है तो गुलामी वह भी झुककर।
प्रदिप रामचंदानी आखिर में कहते है कि, इस फाईल चोरी के केस के अलावा उनके पुरे जीवन में उनपर साधी एक एन.सी. भी दाखिल नहीं है। इसपर उल्हासनगर के आम नागरिकों का कहना है कि, कैसे दाखिल होगा ? हर बार चोरी कर करके शायद वे फाईल चोरी में माहिर हो चुके होंगे। जिसके कारण उन्होंने आज तक कभी कहीं भी फाईल चोरीका सबुत नहीं छोडा लेकिन नियती सभी को एक बार तमाचा जरुर मारती है। पानी में तैरनेवाला ओव्हर स्मार्ट तैराकी जिस तरह एक दिन उसी पानी में डुबकर मर जाता है यह कहावत प्रदिप रामचंदानी के मामले में भी लागु है। हर बार फाईल चोरी में तर्बेज होने वाले प्रदिप रामचंदानी के शायद उस दिन तारे गर्दिश में थे इसलिए वे चुक गये और उनकी चोरी सी.सी.टी.व्ही. में कैद हुई। बात शिशे की तरह साफ है उस दिन फाईल की चोरी हुई थी और वह फाईल थी सरकारी, चुराई गई थी सरकारी दफ्तर से और वो भी चुराने वाला भारतीय जनता पार्टी का उल्हासनगर महापालिका का मनोनित नगरसेवक प्रदिप रामचंदानी है। भले ही वे इस बात को भुल रहे हो या भुलने का ड्रामा कर रहे हो लेकिन उल्हासनगर शहर की जनता बडी हुशार है उनकी मेमरी बडी ही शार्प है।
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