राज्य सरकार का कामकाज जनरल डायर की तरह : जयंत पाटील का आरोप
कोल्हापूर (महाराष्ट्र विकास मिडिया)- कोल्हापूर, सांगली, सातारा जिला के बाढ परिस्थिती को नियंत्रित करने में सरकारी और प्रशासन पुरी तरह नाकामयाब रही। अपनी नामाकयाबी छुपाने के लिए और आज की स्थिती छुपाने की वजह से आज आम जनता के बिच जाते वक्त सरकार के प्रतिनिधीयों को जनता का गुस्सा सहना पड रहा है। जनता क्रोधीत है उनके सामने जाने तक की हिम्मत अब सत्तापक्षों और सरकारी प्रतिनिधीयों के पास नहीं इसिलिए सरकार द्वारा जमावबंदी आदेश लागू किया गया। राज्य सरकार का कामकाज जालियनवााला बाग हत्याकांड करनेवाले जनरल डायर की तरह है ऐसा गंभिर आरोप राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील ने लगाया। वे कोल्हापूर के एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मिडिया से बातचित करते वक्त उन्होंने बताया।
प्रदेशाध्यक्षपाटील कहते है कि, राष्ट्रवादी पार्टी के पदाधिकारीयों के साथ साथ शहर के कई ईलाकों कौ दौरा कर स्थिती की जानकारी ली। उसके बाद सर्किट हाऊस में पत्रकारों से बात करते वक्त इस बाढ के आपत्ती को सिर्फ और सिर्फ सत्तापक्ष, प्रशासन और सरकार की लापरवाही ही जिम्मेदार है ऐसी टिप्पणी उन्होंने की। पाटील आगे कहते है कि, कोल्हापूर, सांगली, सातारा, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग के साथ साथ बाढ के कारण नुकसान हुए खेत के किसानों को बिनाशर्त पुरी मदद करनी चाहिए। गन्ने के प्रति एकर को एक लाख और सोयाबीन, चावल, भुईमुग और अन्य फसलों को एकर का 40 हजार रुपयों की नुकसान भरपाई तुरंत देनी चाहिए ऐसी मांग उन्होंने की। कोल्हापूर और सांगली इन दोनों बाढग्रस्त जिला में सरकार की पूरी लापरवाही हुई है जिसके कारण लोगों में सरकार के प्रति रोष है। आगे भी इसी तरह जनता सत्तापक्ष और सरकार पर क्रोधीत रहेगी। समय पर मदद न मिलने के कारण बाढपिढीतों ने कई मंत्रियों पर अपना गुस्सा निकाला है। लेकिन अब जो जमावबंदी का आदेश सरकार ने दिया है वह सरासर गलत है इसलिए सरकार ने तुरंत यह आदेश पिछे लेना चाहिए और बाढपिढीतों को मिलकर मदद सामग्री पहुंचाकर उन्हे सहारा देना चाहिए ऐसी मांग पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने की। बाढग्रस्त भागों में नागरिकों को बचाने के साथ साथ उन्हे मदद देने के लिए सरकार के मंत्रियों ने जवाबदारी लेकी चाहिए थी। कुछ मंत्रियों ने तो रोड सो कि तरह वॉटर शो कर सेल्फी खिंच बाढपिढीतों के प्रति असंवेदनशील होने के प्रमाण भी दिया है। मंत्री, खासदार, विधायक गायब होने से उन्हे अब आम जनता पुछ रही है तो उन नागरिकों को भी चुप कराया जा रहा है। सरकार ने जवाबदारी को झटककर मदद करने में असफल हुई है ऐसा आरोप भी पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने लगाया।
बाढ के काफी हद तक नुकसान होने के बाद कोल्हापूर जिला में मदद करने जब महाराष्ट्र के कई इलाकों से लोग आ रहे है तो जमाव बंदी का आदेश निकालकर सरकार की सोच कितनी घटिया है यह साफ साफ दिखाई दे रहा है ऐसी टिप्पणी भी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने की।
कोल्हापूर जिला में 12 से 24 अगस्त तक जो जमावबंदी आदेश लागू किया है उसकी वजह से बाढपिढीत और आम जनता सरकार पर क्रोध दर्शाते हुए पुछले कई घंटों से जिला में अब बाढ का पानी कम हो रहा है हमें मदद करने के लिए सैकडो लोग महाराष्ट्र के इक इलाकों से आ रहे है। गावगाव में लोगों को इकट्ठा कर उन्हे मदद सामग्री दी जा रही है। ऐसे में मदद मिलने की प्रक्रिया जलद होने की ओर ध्यान देने के बजाय जमावबंदी का आदेश लाना ये बाढपिढीतों पर किसप्रकार का न्याय सरकार कर रही है ? इस आदेश को सरकार द्वारा आनेवाले त्योहार को मद्देनजर रखते हुए जमावबंदी का आदेश निकाला है ऐसा आदेश निकाला गया है।
प्रदेशाध्यक्षपाटील कहते है कि, राष्ट्रवादी पार्टी के पदाधिकारीयों के साथ साथ शहर के कई ईलाकों कौ दौरा कर स्थिती की जानकारी ली। उसके बाद सर्किट हाऊस में पत्रकारों से बात करते वक्त इस बाढ के आपत्ती को सिर्फ और सिर्फ सत्तापक्ष, प्रशासन और सरकार की लापरवाही ही जिम्मेदार है ऐसी टिप्पणी उन्होंने की। पाटील आगे कहते है कि, कोल्हापूर, सांगली, सातारा, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग के साथ साथ बाढ के कारण नुकसान हुए खेत के किसानों को बिनाशर्त पुरी मदद करनी चाहिए। गन्ने के प्रति एकर को एक लाख और सोयाबीन, चावल, भुईमुग और अन्य फसलों को एकर का 40 हजार रुपयों की नुकसान भरपाई तुरंत देनी चाहिए ऐसी मांग उन्होंने की। कोल्हापूर और सांगली इन दोनों बाढग्रस्त जिला में सरकार की पूरी लापरवाही हुई है जिसके कारण लोगों में सरकार के प्रति रोष है। आगे भी इसी तरह जनता सत्तापक्ष और सरकार पर क्रोधीत रहेगी। समय पर मदद न मिलने के कारण बाढपिढीतों ने कई मंत्रियों पर अपना गुस्सा निकाला है। लेकिन अब जो जमावबंदी का आदेश सरकार ने दिया है वह सरासर गलत है इसलिए सरकार ने तुरंत यह आदेश पिछे लेना चाहिए और बाढपिढीतों को मिलकर मदद सामग्री पहुंचाकर उन्हे सहारा देना चाहिए ऐसी मांग पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने की। बाढग्रस्त भागों में नागरिकों को बचाने के साथ साथ उन्हे मदद देने के लिए सरकार के मंत्रियों ने जवाबदारी लेकी चाहिए थी। कुछ मंत्रियों ने तो रोड सो कि तरह वॉटर शो कर सेल्फी खिंच बाढपिढीतों के प्रति असंवेदनशील होने के प्रमाण भी दिया है। मंत्री, खासदार, विधायक गायब होने से उन्हे अब आम जनता पुछ रही है तो उन नागरिकों को भी चुप कराया जा रहा है। सरकार ने जवाबदारी को झटककर मदद करने में असफल हुई है ऐसा आरोप भी पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने लगाया।
बाढ के काफी हद तक नुकसान होने के बाद कोल्हापूर जिला में मदद करने जब महाराष्ट्र के कई इलाकों से लोग आ रहे है तो जमाव बंदी का आदेश निकालकर सरकार की सोच कितनी घटिया है यह साफ साफ दिखाई दे रहा है ऐसी टिप्पणी भी पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने की।
कोल्हापूर जिला में 12 से 24 अगस्त तक जो जमावबंदी आदेश लागू किया है उसकी वजह से बाढपिढीत और आम जनता सरकार पर क्रोध दर्शाते हुए पुछले कई घंटों से जिला में अब बाढ का पानी कम हो रहा है हमें मदद करने के लिए सैकडो लोग महाराष्ट्र के इक इलाकों से आ रहे है। गावगाव में लोगों को इकट्ठा कर उन्हे मदद सामग्री दी जा रही है। ऐसे में मदद मिलने की प्रक्रिया जलद होने की ओर ध्यान देने के बजाय जमावबंदी का आदेश लाना ये बाढपिढीतों पर किसप्रकार का न्याय सरकार कर रही है ? इस आदेश को सरकार द्वारा आनेवाले त्योहार को मद्देनजर रखते हुए जमावबंदी का आदेश निकाला है ऐसा आदेश निकाला गया है।
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