कोर्ट के आदेश पर गाडी छोडने के लिए जब बदलापूर पूर्व पुलिस थाने के रिश्वतखोर पुलिसवाले मांगते है 500 की घूस
बदलापूर (महाराष्ट्र विकास मिडिया)- कुलगांव बदलापूर पूर्व म्हाडा कॉलनी से कुछ दिन पहले एक इको फोर व्हिलर कार अंजान लोगों ने चुराया था। उस कार के मालिक ने बदलापूर पूर्व पुलिस थाने में अपने कार की चोरी की रपट लिखाई। कुछ समय बाद चुराई गई इको कार भिवंडी के एक सुमसाम रास्ते पर होने की खबर पुलिस को मिली। उक्त कार वारदात के समय किसी अंजान नशेडीयों ने दारु के नशे में गाडी को चलाकर सुबह भिवंडी के एक इलाके में रखकर चोर वहां से भाग गये ऐसा पुलिस जांच में सामने आता है। कार को भिवंडी पुलिस ने बदलापूर पूर्व पुलिस थाने को सौंप दिया और कार के मालिक ने कोर्ट में पिटीशन दाखल करते हुए अपनी खोई हुई कार को पुलिस थाने से लिने के लिए लिगल प्रोसिजर सुरु की। कोर्ट ने सबुतो और गाडी के कागजातों को देख गाडी मालिक को चुराई गई गाडी पुलिस ने वापस देने का आदेश दिया। अब यहा आता है कहानी में इंटरस्टींग मोड। कोर्ट के ऑर्डर के बाद भी बदलापूर पूर्व पुलिस उस कार को उसकी मालिक को देने में आनाकानी कर रही है। जाहिरसी बात है जब कोर्ट ने आदेश दिया है तो पुलिस को यह कार सभी कागजातों को देख फिर्यादी को वह कार दे देनी चाहिए। फिर्यादी को भी यह बात पहले तो समझ में नहीं आई कि क्यों बदलापूर पूर्व पुलिस थाने कार देने के बजाय बार बार चक्कर कटवा रही है। आखिरकार बदलापूर पूर्व पुलिस थाने के एक भ्रष्ट पुलिस हवलदार ने 500 रुपयों की मांग की और बिना पैसे दिये आपको कार नहीं मिलेगी ऐसा कहा।
बता दें कि, जिस पिडीत व्यक्ति की कार चोरी हुई थी वह कोई बडा रइसजादा नहीं था। एक मध्यमवर्गीय परिवार से था और एम.आय.डी.सी. में नौकरी करता है। कार चोरी होने के गम में पहले ही शिकायतकर्ता बडा ही दुखी था उसका बाद जब उसे पता चला की किसी ने कार को भिवंडी में सुमसाम रास्ते पर छोड दिया है तब जाकर शिकायतकर्ता को एक उम्मीद की किरण दिखाई दी। कानूनी प्रोसिजर और कोर्ट में पिटीशन इन सभी में पहले ही शिकायतकर्ता ने हजारो रुपये खर्च कर दिये अब जब कोर्ट ने आदेश दिया है कि उक्त इको कार को उसके मालिक के पास सौंपा जाए उसके बाद भी कार देने में बदलापूर पूर्व आनाकानी कर रही है। अच्छा विशेष बात तो यह है कि बदलापूर पूर्व पुलिस थाने के यह रिश्वतखोर पुलिस पहले 4-5 बार शिकायतकर्ता को चक्कर कटवा कर भी बता ने को तय्यार नहीं कि सिर्फ चंद रुपयों के घुस के खातिर उसे अपनी कार नहीं दी जा रही है। आखिरकार जब 4-5 बार चक्कर कटवाकर शिकायतकर्ता को मानसिक रुप से परेशान किया जाता है तब एक रिश्वतखोर पुलिस अफसर गाडी की चाबी देने के लिए 500 रुपयों की भिख घूस के तौर पर मांगता है।
गौरतलब हो कि, रिश्वत मांगने वाला बदलापूर पूर्व पुलिस थाने का घूसघोर पुलिस कर्मी 30 से 40 हजार रुपये महिना तनख्वा सरकार से पुलिस दल में नौकरी करने के लिए लेता है, और बेशर्मी की हद तब होती है जब 500 रुपयों की घूस एक मध्यमवर्गीय 15-20 हजार महिना कमाने वाले आम नागरिक से लिया जाता है। यह आखिर कब तक चलेगा ?
आज महाराष्ट्र के ऐसे भ्रष्ट और रिश्वतखोर पुलिस वालों की वजब से पुरे महाराष्ट्र पुलिस दल का नाम बदनाम है। यहां देखो आम नागरिकों को घुस के लिए रिश्वतखोर पुलिस मानसिक और शारिरीक रुप से तंग करती है और जब किसी को यह अन्याय असहनीय हो जाता है तब गुस्से के मारे बिच चौराहे पर फिर ऐसे रिश्वतखोर पुलिस वालों की जमकर धुलाई होती है। किसी को भी कानून हाथ में नहीं लेना चाहिए लेकिन जब ऐसे रिश्वतखोर पुलिस हररोज घुसखोरी के चलते लोगों को तंग करते है तब माथे का प्रेशर पैरों के चप्पल को उतारकर रिश्वतखोर पुलिसवाले के मुंह पर मारने पर मजबुत होता है यह बात महाराष्ट्र पुलिस डिपार्टमेंट के वरिष्ठ अफसरों ने समझते हुए रिश्वतखोर पुलिसवालों पर कारवाई करनी चाहिए ऐसा नागरिकों की मांग है।
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