पार्टी का कार्यक्रम, पार्टी फंड के नाम बदलापूर एमआयडीसी के कंपनीयों से वसुली !
विधायक किसन कथोरे का नाम लेकर कारखानों में पैदा किया जा रहा है डर ?
बदलापूर (महाराष्ट्र विकास मिडिया)- बदलापूर एमआयडीसी के कारखाने अपनी चंद सांसे गिनने में लगी हुई है। लोडशेडिंग, खराब सढके, एमआयडीसी प्रशासन की सुविधाओं पर अंदेखा रवय्या, मंदी की मार, पोलुशन कंट्रोल की दहशत इन सभी में पहले ही बदलापूर एमआयडीसी क्षेत्र में चल रहे कारखानों के मालिक तंग आ चुके है। वहीं अब पार्टी फंड को लेकर कारखानों के मालिक बदलापूर एमआयडीसी छोडने की कगार में है ऐसा सुत्रों का कहना है।
बता दें कि, जिस प्रकार से शिवसेना पार्टी बदलापूर शहर में मॅरेथॉन और कुछ कार्यक्रमों के लिए अपने टटूओं से बदलापूर एमआयडीसी में वसुली का काम करती है ठिक उसी प्रकार भारतीय जनता पार्टी भी इसमें अब अव्वल स्थान पर देखने को मिल रहा है। जब यही भाजपा के नेतागण राष्ट्रवादी पार्टी में थे तब शरदचंद्र के कार्यक्रम और अन्य कार्यक्रमों के नाम से पार्टी फंड वसुली का गोरखधंदा बदलापूर एमआयडीसी में चलता था ठिक उसी तरह अब भारतीय जनता पार्टी में नेताओं के आने के बाद भाजपा अटलसंध्या के नाम पर बदलापूर एमआयडीसी से पार्टी फंड के नाम पर वसुली करती है ऐसा एक कंपनी के मालिक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया।
गौरतलब हो कि, इस वसुली में कई बार कंपनी के मालिकों को पार्टी फंड देने के लिए विधायक किसन कथोरे का नाम लिया जाता है। विधायक कथोरे के मार्गदर्शन पर शहर में पार्टी का कार्यक्रम होगा इसलिए कंपनी के मालिक और मैनेजमेंट पार्टी के कार्यकर्ताओं को चंदा देती है लेकिन यह अब हर साल चलते आ रहा है और बदलापूर एमआयडीसी के कारखानों के मालिक इस प्रकार चंदा देने से अब उब चुके है। उनका कहना है कि, चंदा देते वक्त बदलापूर एमआयडीसी की कंपनीयों का खयाल भारतीय जनता पार्टी समेत हर पार्टी को याद आता है लेकिन जब बदलापूर एमआयडीसी के कारखानों की खस्ता हालात होती है, सरकार तो क्या स्थानिय नेता भी कारखानों के हित में आवाज नहीं उठाती। खराब सढकों से लेकर पोलुशन डिपार्टमेंट का मनमानी रवय्या इन सभी से आज बदलापूर एमआयडीसी में स्थित कारखानों के मालिक बडे ही परेशान है ऐसी स्थिती में भी वे पार्टी को फंड देते है कार्यक्रम के लिए चंदा देकर सहकार्य करते है लेकिन वही पार्टी के नेता महोदय कारखानों के हित में एक बार भी आगे नहीं आते फिर ऐसे में क्यों हम इंडस्ट्रीयलिस्ट पार्टी फंड देकर अपना समय और पैसे गवाये ऐसा एमआयडीसी में इंडस्ट्री चलानेवाले मालिकों का कहना है।
एक टेक्सटाईल इंडस्ट्री के मालिक ने महाराष्ट्र विकास मिडिया के प्रतिनिधी को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, हम सिर्फ भारतीय जनता पार्टी को चंदा से विरोध नहीं जता रहे बल्कि सभी उन पार्टीयों को हमारा यही कहना है कि बदलापूर एमआयडीसी के इंडस्ट्री की हालात आज बडे ही खराब दौर से गुजर रही है ऐसे में पार्टी फंड के नाम पर पार्टी जिसप्रकार वसुली का काम कर रही है उन्हे मना करने पर पोल्युशन डिपार्टमेंट से लेकर स्थानिय पुलिस प्रशासन की धमकी दी जाती है और कुछ ही दिनों में इन विभागों द्वारा कंपनी के मालिकों और कामगारों को तकलिफ देने का काम चलता है ऐसे में इंडस्ट्रीयलिस्ट ज्यादा दिन तक बदलापूर एमआयडीसी में अपना कारोबार नहीं कर पाएगी।
एक अन्य कंपनी के मैनेजर ने महाराष्ट्र विकास प्रतिनिधी को बताया कि, हमारी कंपनी पिछले कई सालों से भारतीय जनता पार्टी को अटल संध्या हो या फिर कोई अन्य कार्यक्रम के लिए पार्टी फंड और चंदा के रुप में मदत करती है लेकिन जब भी बदलापूर एमआयडीसी के इंडस्ट्रीयलिस्ट पर कुलगांव बदलापूर नगरपरिषद का मनमानी टैक्स या फिर एमआयडीसी का गलत रवैय्या देखने को मिलता है उस वक्त भारतीय जनता पार्टी के विधायक किसन कथोरे फोन तक नहीं उठाते। जब बदलापूर पूर्व पुलिस थाने में दिलीप कुमार राजभोज वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक के पद पर काम करते थे उस वक्त एमआयडीसी कंपनीयों को हफ्ता देने के लिए इतने हद तक मजबुर किया गया की आखिरकार सभी ने मिलकर इस बात की शिकायत विधायक किसन कथोरे तक कर दिया लेकिन अंत में विधायक कथोरे साहब ने सिर्फ आश्वासन दिया लेकिन वह समस्या हल नहीं हो सका। आखिरकार इंडस्ट्रीयलिस्ट को ही अपनी समस्या हल करने के लिए एकजुट होना पडा। टैक्स के मामले पर भी विधायक किसन कथोरे या भारतीय जनता पार्टी ने किसी भी प्रकार से इंडस्ट्रीयलिस्ट के हित में कोई कदम नहीं उठाए आखिरकार बदलापूर एमआयडीसी के कंपनीयों के संचालकों और मालिकों को मुंबई उच्च न्यायालय में पिटीशन डालने का रास्ता अपनाना पडा। एक बिल्डर इंडस्ट्रीयल एरिया में रेसिडेन्शियल फ्लैट का प्रोजेक्ट बनाता है जिसके कारण आगे चलकर वहां पर फ्लैट खरीदकर रहनेवाले रहिवासीयों को जाहिर सी बाद ही कि फैक्टरीयों के प्रदुषण से तकलिफ होगी उस वक्त बदलापूर एमआयडीसी इंडस्ट्री के कंपनीयों को ही सरकार और नागरिक दोषी करार देंगे जबकि एमआयडीसी हद में रेसिडेंशियल फ्लैट बनाकर बिल्डर ने नागरिकों फंसाने का काम कर रहा है लेकिन इस पर विधायक किसन कथोरे और स्थानिय प्रशासन, सत्तापक्ष कुछ नहीं हो रही है। इस प्रकार अगर इंडस्ट्रीयलिस्ट का सिर्फ राजनैतिक फायदों के लिए और आर्थिक फायदों के लिए स्थानिय नेता महोदय और पार्टी इस्तेमाल करेगी तो यह कितने हद तक सही है ऐसा सवाल भी कंपनी के मालिकों ने प्रशासन और राजनेताओं से पुछा है।
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