शिवसेना के दो नगरसेवकों को भिडाने में कहीं विधायक किसन कथोरे की राजनिती तो नहीं?
बदलापूर (महाराष्ट्र विकास मिडिया)- तीन बार मुरबाड विधानसभा क्षेत्र से विधायक का चुनाव जीतनेवाले किसन कथोरे को इस बार के चुनाव में चुनौती देने के लिए शिवसेना नगरसेवक शैलेश वडनेरे पुरी तैय्यारी से मैदान में उतरने को तैय्यार थे। मुरबाड से लेकर बदलापूर तक अपना जनसम्पर्क मजबुत करते हुए मुरबाड विधानसभा क्षेत्र में नागरिकों में शैलेश वडनेरे और शिवसेना पार्टी कुछ ही समय में मुरबाड विधानसभा क्षेत्र में काफी लोकप्रिय हुई। लेकिन अचानक उनके कार्यालय की तोडफोर उन्ही के पार्टी के बडे नेता और उनके कार्यकर्ता ने करने से शैलेश वडनेरे बैकफुट पर आ पहुंचे। बता दें कि, वडनेरे के कार्यालय की तोडफोर करने का कारण शिवसेना के बदलापूर शहरप्रमुख ने बताया की वडनेरे उनकी बदनामी करते थे और पार्टी को धोखा देनें में थे। लेकिन इसपर वडनेरे का सिधा कहना है कि, वामन म्हात्रे के खिलाफ कहीं भी कुछ भी नहीं कहा था और पार्टी को मुरबाड में बढाने के लिए ही उनका प्रयास जारी है। ऐसे में इन दो शिवसैनिक एक दुसरे से इतना भडके हुए और जानी दुश्मन की तरह बरकाव क्यों कर रहे है ऐसा सवाल बदलापूर शहर के निष्ठावंत शिवसैनिक पुछ रहे है।
बदलापूर के कुछ निष्ठावंत शिवसैनिकों का मानना है कि, शिवसेना शहरप्रमुख वामन बारकु म्हात्रे पिछले कई सालों से मुरबाड विधानसभा में भगवा झंडा लहराने के लिए काफी कोशिश करते रहें उस वक्त उन्हे खिलाफ भी इसी तरह का षडयंत्र होता रहा आज वही हाल वडनेरे का है। उस वक्त वामन म्हात्रे के खिलाफ वातावरण निर्मिती कर शिवसेना को मुरबाड विधानसभा से दुर रखा गया इस बार उसी तरह का प्रयास वडनेरे के साथ भी किया जा रहा है। इन सब घटनाओं में एक तैय है कि पिछले चुनाव में वामन म्हात्रे से किसन कथोरे को खतरा था तो इस बार शैलेश वडनेरे से किसन कथोरे को खतरा देखने को मिल रहा है।
गौरतलब हो कि, वर्तमान विधायक किसन कथोरे को आनेवाले मुरबाड विधानसभा में चुनाव तिकीट ना देने की मांग उन्ही के भाजपा पार्टी के मुरबाड के निष्ठावंत और पुराने कट्टर कार्यकर्ता कर रहे है। साथ ही बदलापूर शहर में शिवसेना के आंबेडर विचार का नेतृत्व करनेवाले प्रविण राऊत, ग्रामिण क्षेत्र में गरिबों का मसिहा कहलाएजानेवाले बालाराम कांबरी, कई सालों से किसन कथोरे को चुनाव में उन्हे पसिना छुडाने वाले शिवसेना के शहरप्रमुख वामन बारकु म्हात्रे या फिर हालही में बडे ही जोश से मुरबाड में शिवसेना पार्टी को मजबुत करनेवाले शैलेश वडनेरे को इस बार पार्टी ने विधानसभा का चुनावी तिकीट देना चाहिए ऐसी शिवसैनिकों की इच्छा है। साथ ही कुछ शिवसैनिकों का तो यह तक कहना है कि, बदलापूर में जिसप्रकार शिवसेना में भाई भाई को भिडाने का काम चल रहा है यह काम किसी विपक्ष का नहीं बल्की गठबंधन में कंधे से कंधा मिलाने का ढोंग करनेवाले भाजपा पार्टी के राजनेताओं का है। मुरबाड के एक कट्टर शिवसैनिक ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, मुरबाड विधानसभा में शिवसेना पार्टी को मानने वाले हजारो मतदार है लेकिन हर बार मुरबाड विधानसभा भाजपा को ही क्यों दिया जाता है। किसन कथोरे भाजपा से तीन बार चुनाव जीत चुके है, तीन बार विधायक बनने के बाद तो कोई भी आदमी अपने पार्टी के दुसरों को भी मौका देने को देखते है लेकिन सत्ता और कुर्सी का मोह किसन कथोरे से छुट नही रहा इसलिए वे इसबार भी मुरबाड से चुनाव का तिकीट मांग रहे है। ऐसे में गठबंधन के शिवसेना पार्टी में भी विधायक का चुनाव लढने के लिए कई उम्मीदवार इच्छुक होने से उन शिवसैनिकों को एक दुसरे से भिडाने का काम भाजपा की ओर से किया जा रहा है ऐसा कट्टर शिवसैनिकों को अंदाज हो रहा है।
शिवसेना पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मुरबाड विधानसभा के बारेमें सोच विचार कर इस बार मुरबाड की सिट शिवसेना पार्टी को छोडनी चाहिए तब सही पैमाने पर पता चलेगा कि गठबंधन में सरकार बनानेवाली भाजपा पार्टी के नेता सच में मित्रपत्र शिवसेना को मदद करती है या बगावत करते हुए शिवसेना पार्टी के उम्मीदवार के पीठ पर धोके का खंजर घोंपती है ऐसा भी मुरबाड के कुछ शिवसैनिकों का कहना है।
बदलापूर में जिसप्रकार दो शिवसैनिकों में जोरदार झगडे की वारदात घटी है उसके बाद इन सब के पिछे का मास्टरमाईंड भाजपा के विधायक किसन कथोरे है ऐसी शहर में चर्चा है लेकिन इस बात की अब तक पुष्टी नहीं हो पा रही है। बदलापूर के एक वरिष्ठ पत्रकार विनायक जाधव ने शिवसेना नगरसेवक वडनेरे के कार्यालय के तोडफोड की वारदात के बाद एक व्यंगचित्र बनाया था जो सोशल मिडियावर बहुत ही चर्चे में रहा। इस व्यंगचित्र में साफ तौर पर दिखाया गया है कि दो शिवसैनिक जहां एक दुसरे को लात घुसों से पिट रहे है वहीं इस सब घटनाओं को उपर से देख मन ही मन में भाजपा के विधायक आनंत ले रहे है। इस व्यंगचित्र के बाद बदलापूर शहर में किसन कथोरे द्वारा शिवसेना पार्टी में फुट दालने की बात की जोरदार चर्चा शुरु है।
इस वारदात और व्यंगचित्र के बाद भाजपा पार्टी के मुरबाड के एक निष्ठावंत कार्यकर्ता ने महाराष्ट्र विकास मिडिया को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि, मुरबाड में पिछले कई सालों से शिवसेना पार्टी को बढने से उन्ही के मित्र पक्ष ने समय समय पर रोका है, शैलेश वडनेरे चुनाव लढते तो भाजपा के विधायक किसन कथोरे को काफी दिक्कतों का सामना करना पडता, पिछले चुनाव में भी शिवसेना शहरप्रमुख वामन म्हात्रे ने भाजपा के उम्मीदवार को हराने की पुरी कोशिश की थी। 30 हजार से भी ज्यादा मतदाताओं ने उस वक्त शिवसेना पार्टी के उम्मीदवार को वोट दिया था इसलिए मुरबाड विधानसभा में शिवसेना पार्टी को मानने वाला एक बडा मतदार वर्ग है ऐसा जानकारों का कहना है। ऐसे में शिवसेना पार्टी इन इस बार भी मुरबाड में भगवा लहराने का सपना ना देखे इसलिए भाजपा के विधायक किसन कथोरे ने इन दो शिवसैनिकों को आपस में भिडाया होगा? ऐसा प्रश्नचिन्ह उपस्थित किया है।
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